भारत की जलवायु कार्यकर्ता, अर्चना सोरेंग का मानना है कि आदिवासी जनजातियों को जलवायु कार्रवाई के केन्द्र में रखना चाहिए और पर्यावरण संरक्षण पर पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही उनकी परम्पराओं और प्रथाओं से सबक लेना चाहिए. अर्चना उन सात युवाओं में से हैं जिन्हें दुनिया भर से, महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के पर्यावरण पर युवा सलाहकारों के समूह में शामिल किया गया है.